प्रमोद कुमार शर्मा
दिल्ली
यह स्पेशल तीर्थ यात्रा 15 जुलाई 2025, 15 सितम्बर 2025, 17 नवम्बर 2025 और 18 जनवरी 2026 को दिल्ली / जयपुर / कोटा से प्रारम्भ होगी।
दिल्ली / जयपुर/कोटा/जोधपुर रेलवे स्टेशन से प्रारंभ होती है, जहाँ से यात्री ट्रेन द्वारा उज्जैन के लिए प्रस्थान करते हैं। यह पहला दिन यात्रा का आरंभिक चरण होता है, जिसमें रात्रि की यात्रा ट्रेन में ही पूर्ण होती है।
उज्जैन आगमन, मां क्षिप्रा नदी स्नान, राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी माता | हरसिद्धि (शक्तिपीठ) के दर्शन, बड़ा गणेश मंदिर दर्शन एवं विश्वप्रसिद्ध बाबा | महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन, दोपहर भोजन अल्प व विश्राम पश्चात बाबा महाकाल के सेनापति काल भैरव (मदिरा पान ) दुर्लभ दर्शन, मंगलग्रह के देवता | मंगलनाथ के दर्शन, भगवान कृष्ण-सुदामा की शिक्षा स्थली गुरु सांदीपनी आश्रम दर्शन, सायंकाल यात्री स्वैच्छिक स्वतंत्र रूप से मां क्षिप्रा की सांयकालीन आरती अथवा महाकाल लोक के दर्शन कर सकते हैं, (स्थानियइको मैजिक द्वारा) रात्रि उज्जैन |
प्रातः 6 बजे ओंकारेश्वर हेतु प्रस्थान, ओंकारेश्वर आगमन, पवित्र प्रवाहमान नर्मदा नदी स्नान, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन एवं ममलेश्वर महादेव दर्शन पश्चात दोपहर भोजन पश्चात उज्जैन हेतु प्रस्थान (रात्रि विश्राम उज्जैन) ।
11 बजे होटल से चेक-आउट करके दोपहर का भोजन करने के पश्चात सायं | उज्जैन रेलवे स्टेशन से दिल्ली / जयपुर / कोटा के लिए प्रस्थान किया जाता है ।
प्रातः अपने गंतव्यों दिल्ली / जयपुर / कोटा पहुचेंगे ओर इस प्रकार यह | आध्यात्मिक यात्रा उज्जैन और ओंकारेश्वर के पावन स्थलों के दर्शन व मधुर स्मृतियों के साथ संपन्न होती है।
भोजन, चाय, नाश्ता, A/C डबल बैड होटल रूम, ओंकारेश्वर के लिए A/C पुशबेक डीलक्स बस व A/C रेल रिजर्वेशन सहित किराया ₹8,551/- प्रति यात्री होगा। अग्रिम बुकिंग हेतु ₹1,001/- प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन' श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा' ऋषिकेश के S.B.I बैंक खाते में या हमारी किसी भी अधिकृत बुकिंग एजेन्सी पर जमा करवा दें। बकाया किराया दिल्ली पहुँचने पर संस्था द्वारा लिया जायेगा ।
नोट : यात्री महाकालेश्वर मंदिर की विश्व प्रसिद्ध प्रातः 3 बजे होने वाली भस्मारती का भी लाभ ले सकते हैं, (भस्म आरती की अग्रिम बुकिंग एवं आरती हेतु जाने एवं वापस आने की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की रहेगी)
यात्रियों के लिए यात्रा में सुबह चाय, नाश्ता, दोपहर व रात्रि भोजन में दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी रहेगी। शाम को चाय होगी। दाल-चावल व रोटी में देशी घी का प्रयोग होगा। सब्जी व नाश्ते में रिफाइंड का प्रयोग होगा। चावल बासमती बनेगा। समयानुसार यात्रियों को पापड़ व अचार भी भोजन के साथ दिया जायेगा। प्याज-लहसुन का प्रयोग पूर्णतः वर्जित होगा। भोजन शुद्ध शाकाहारी सात्विक बनाया जायेगा। यात्रा के दौरान तवा चपाती बनायी जायेगी व समय की उपलब्धता के अनुसार पूड़ी, पराठें व खिचड़ी भी बनायी जायेगी तथा यात्रा में समय अनुसार लंच पैकेट भी दिया जाएगा। रेल द्वारा लम्बी दूरी की यात्रा के दौरान भोजन की व्यवस्था I.R.C.T.C के अधिकृत भोजनालय से की जायेगी। दोपहर एवं रात्रि भोजन के साथ एक पानी की बोतल दी जायेगी ।
हमारी यात्रा में केवल सामान्य दवाई की ही व्यवस्था होगी। जो यात्री नियमित रूप से दवाई लेते हैं वे यात्री यात्रा प्रोग्राम के दिनो के अनुसार कृपया अपनी दवाईयां साथ में लावे | जरुरत पड़ने पर यात्री अपने खर्चे पर अस्पताल / डाक्टर की व्यवस्था अपनी सुविधानुसार कर सकते हैं। प्रत्येक यात्री टाईम टेबल के अनुसार चलने को बाध्य होंगे, यदि किसी कारणवश कोई ग्रुप से अलग होता है तो अगले स्टेशन / गन्तव्य पर यात्री अपने खर्चे पर पहुचेंगें। सभी बसे दर्शनीय स्थलो की पार्किंग तक जाएगी वहा से मन्दिरों की दूरी नगण्य है इसलिए यात्री स्वयं के खर्च से पैदल अथवा रिक्शे से वहाँ जा सकते हैं। इस प्रकार यात्रियों को पैदल कम चलना पड़ेगा। A/C बस यात्रा में A/C सुविधा केवल चलती बस में रहेगी पार्किंग में खड़ी बस में यह सुविधा नहीं होगी। संक्रमक रोगी, मादक पदार्थों का सेवन करने वाले वा झगडालू यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार मैनेजर का होगा।
रात्रि विश्राम के लिए होटल का प्रबन्ध यात्रियों के लिए डबल बैड रूम में किया जाएगा लेकिन अगर कोई अलग से सिंगल बेड रूम लेने चाहे तो ऐसे में यात्री ₹6000 प्रति रूम अतिरिक्त भुगतान करके ले सकते है
यात्री अपने साथ असली पहचान पत्र (आधारकार्ड और वोटर आई.डी.) और 1 पासपोर्ट साईज फोटो अवश्य साथ लावे। यात्रा बुक होने के बाद यात्री अपनी सीट कैंसिल करवाता है तो अग्रिम धनराशि वापिस नहीं की जायेगी। दर्शनीय स्थलों का प्रवेश शुल्क यात्रियों द्वारा वहन किया जायेगा।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
यात्रा काल के दौरान आर्थिक, शारीरिक क्षति एवं सामान की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की होगी । व्यवस्थापक यात्रियों के नुकसान का जिम्मेदार नहीं होगा ।
यदि कोई यात्री किन्हीं कारणवश अथवा अस्वस्थ होने की वजह से अपनी यात्रा अधूरी छोड़कर घर वापिस आना चाहेगा तो उस अवस्था में यात्री को व्यवस्थापक की तरफ से केवल घर तक पहुंचाने हेतु रेलवे का स्लीपर क्लास का टिकिट ही दिया जायेगा। यह व्यवस्था भी केवल यात्रा समाप्ति के 5 दिन पूर्व तक लागू होगी। किराया वापसी किसी भी अवस्था में देय नहीं होगा ।
यात्रा में रेल लेट होने / बस खराब होने / मौसम खराब होने / साप्ताहिक अवकाश / बन्द / रैली आदि के कारण सें किसी स्थान पर दर्शन ना होने पर व्यवस्थापक द्वारा कार्यक्रम में जो भी बदलाव किया जायेगा, यात्रियों से निवेदन है कि परिस्थतियों को समझते हुए उसमें अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
यात्रा काल में मैनेजर यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देने की कोशिश करेंगे परन्तु फिर भी यात्रा के दौरान थोड़ी असुविधा होना स्वाभाविक है। उस समय 'परदेश नरेश कलेशन' की कहावत के अनुसार तपस्या की भावना से उसे सहन करें व मैनेजर को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
बस में सबसे पीछे की (5 सीटर) सीट नॉन पुश बैक होती है| उसमें यात्री सहयोग बनाएं | सीट व्यवस्था लॉटरी सिस्टम से रहेगी|
यात्रा विवरण
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हमें कॉल करने में संकोच न करें। हमारे पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेगी। धन्यवाद।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का महाकालेश्वर, औंकारेश्वर दो ज्योर्तिलिंग, उज्जैन, नर्मदा नदी दर्शन यात्रा यात्रा पैकेज एक दिव्य अनुभव था। हिमाचल प्रदेश के पवित्र मंदिरों की यात्रा करना और 9 देवी से आशीर्वाद प्राप्त करना वास्तव में अद्भुत था। अच्छी तरह से योजनाबद्ध यात्रा कार्यक्रम, आरामदायक आवास, और जानकार मार्गदर्शकों ने इस यात्रा को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बना दिया। एक ऐसा तीर्थ यात्रा जिसे हमेशा संजोया जाएगा।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का 9 देवी दर्शन यात्रा एक आत्मा को छूने वाला अनुभव था। हिमाचल प्रदेश की सुरमई घाटियों के माध्यम से यात्रा करते हुए, 9 देवी के पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा ने मेरे दिल को भक्ति से भर दिया। सुव्यवस्थित यात्रा, गर्मजोशी से स्वागत, और शांत वातावरण ने इसे वास्तव में एक दिव्य यात्रा बना दिया।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का हिमाचल नौ देवी दर्शन यात्रा पैकेज 9 देवी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए एक दिव्य तीर्थ यात्रा थी। हिमालयों के बीच स्थित शांत मंदिरों से लेकर हिमाचल प्रदेश की सुंदरता तक, हर पल आध्यात्मिकता और शांति से भरा हुआ था। एक पवित्र यात्रा जिसने आत्मा को पुनर्जीवित किया।
हम एक संगठित तरीके से तीर्थयात्रा आयोजित करते हैं जिसमें तीर्थयात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, सत्संग कार्यक्रम और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।