प्रमोद कुमार शर्मा
दिल्ली
यह स्पेशल तीर्थ यात्रा 03 अप्रैल 2025 दिल्ली से प्रारम्भ होगी।
दिल्ली से 12:00 बजे प्रस्थान (रात्रि विश्राम कुरुक्षेत्र)।
कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर स्नान, ज्योतिशर, बाणगंगा, थानेश्वर, भद्रकाली मंदिर, पेनोरमा दोपहर भोजन के पश्चात पिंजोर गार्डन देखते हुए (रात्रि विश्राम चंडीगढ़ में )
चंडीगढ़ मनसा देवी दर्शन, रोक गार्डन, रोज गार्डन, (रात्रि विश्राम चंडीगढ़ में )।
चंडीगढ़ से नैना देवी दर्शन, हवन कुंड, प्राचीन गुफा (रात्रि विश्राम मनाली में)।
मनाली वशिष्ट ऋषि मंदिर, रोहतांग पास, हिडिम्बा माता मंदिर दर्शन (रात्रि विश्राम मनाली में)।
मनीकरण गर्म कुंड स्नान, शिव मंदिर दर्शन, गुरुद्वारा दर्शन, मनोकामना देवी मंदिर दर्शन, राम मंदिर दर्शन (रात्रि विश्राम मनाली में) ।
वैजनाथ मंदिर दर्शन, चामुण्डा माता दर्शन, (रात्रि विश्राम चामुण्डाजी)।
कांगड़ा में गुप्त गंगा स्नान, माता दर्शन, नगर कोट धाम, बगलामुखी माता दर्शन, चितंपूर्णी माता दर्शन, ज्वालाजी दशर्न गोरखडिब्बी, राधाकृष्ण मंदिर, लाल शिवालय मंदिर दर्शन (रात्रि विश्राम ज्वालाजी)।
चीची देवी मंदिर दर्शन, रघुनाथ मन्दिर दर्शन (रात्रि विश्राम कटरा) ।
वैष्णो देवी दर्शन, भैरव मंदिर दर्शन ( यात्री स्वम पैदल, घोडा, पालकी द्वारा जायेगे व वापसी कटरा आयेगे) (रात्रि विश्राम कटरा ) ।
कटरा से प्रस्थान शिवखोड़ी दर्शन, प्राकृतिक सौंदर्य भ्रमण (रात्रि विश्राम कटरा)।
अमृतसर, स्वर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग, बाघा बॉर्डर देखते हुए (रात्री अमृतसर)।
दिल्ली आगमन एवं मधुर स्मृतियो के साथ यात्रा समाप्त।
भोजन, चाय, नाश्ता, A/C डबल बैड होटल रूम, घुमाने के लिए A/C पुशबेक डीलक्स बसों सहित किराया ₹29,001/- प्रति यात्री होगा। एडवांस बुकिंग हेतु ₹1,001/-अग्रिम बुकिंग हेतु प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन 'श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा' ऋषिकेश के SBI बैंक खाते में जमा करवा दें। बकाया किराया दिल्ली पहुँचने पर संस्था द्वारा लिया जायेगा। पहाड़ों पर A/C सुविधा नहीं रहेगी। कृपया बस यात्रा के नियम पेज न0 13 को ध्यान पूर्वक पढ़ कर ही सीट बुक कराये।
नोट :कटरा से भवन पैदल रास्ता 14 किमी है इसलिए वैष्णो देवी व शिवखोडी में घोड़े / पालकी का किराया, नैनादेवी मे ट्राली का किराया एवं मनाली से रोहतांग जाने का किराया यात्री को स्वयं देना होगा ।
यात्रियों के लिए यात्राकाल में सुबह की बेड टी, नाश्ता, दोपहर व रात्रि भोजन में एक दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी का पूरा प्रबन्ध होगा। शाम को चाय दी जायेगी। दाल-चावल, रोटी में देशी घी का प्रयोग होगा। सब्जी व नाश्ते में रिफाइड तेल का प्रयोग होगा। चावल देहरादूनी बासमती बनाया जायेगा। समय की उपलब्धता के आधार पर यात्रियों को पापड़ व अचार भी भोजन के साथ दिया जायेगा। प्याज-लहसुन का प्रयोग पूर्णतः वर्जित होगा। भोजन शुद्ध शाकाहारी सात्विक बनाया जायेगा। यात्रा के दौरान तवा चपाती बनायी जायेगी व समय की उपलब्धता के अनुसार पूड़ी, पराठें व खिचड़ी भी बनायी जायेगी तथा पैदल यात्रा ( यमनोत्री - केदारनाथ) में नाश्ता व लंच पैकेट दिया जाएगा।
आवश्यक सामान- कृपया प्रत्येक यात्री 1 गिलास, 1 चम्मच, गरम शॉल, चादर (बैडशीट), गरम कपड़े, रेनकोट, टार्च, मोमबत्ती, कपड़े सुखाने की रस्सी, पानी की बोतल, ताला चाबी, नियमित दवाईयां (जो रोजाना आप लेते हैं) आदि सामान अवश्य अपने साथ लावें। भोजन हेतु डिस्पोजल / बर्तनों की व्यवस्था संस्था करेगी। यात्री अपने साथ ओरिजनल पहचान पत्र अवश्य लाये ।
यात्रियों के सामान की सुरक्षा हेतु चौकीदार की सुविधा, चाय, नाश्ता, भोजन बनाने वालों व घुमाने के लिए पर्याप्त व्यक्तियों का प्रबन्ध समिति द्वारा किया जायेगा। कोई भी यात्री सोने व चांदी के जेवर पहनकर न आये। यात्राकाल के दौरान आर्थिक एवं शारीरिक क्षति की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की होगी। व्यवस्थापक यात्रियों के नुकसान का जिम्मेदार नहीं होगा।
हमारी यात्रा में अकेले वृद्धजन व महिलाएं भी आराम से यात्रा कर सकती हैं। क्योंकि यात्रा का माहौल घर-परिवार जैसा ही रहता है जिस कारण अकेलापन महसूस नहीं होगा।
यात्रियों को चाहिए कि प्रत्येक यात्री अपनी बकाया धनराशि देने के वास्ते अपने साथ नकद रूपया अथवा किसी भी बैंक का ड्राफ्ट/ चैक ‘‘श्री शिवशंकर तीर्थ यात्रा (रजि0)’’ के नाम पर ऋषिकेश शाखा का बनवाकर साथ में लावें।
रात्रि विश्राम के लिए गेस्ट हाउस का प्रबन्ध समस्त यात्रियों के लिए सामूहिक रूप से चार/पांच बैड के अटैच लैट - बाथरूम कमरों में किया जाएगा व प्रत्येक यात्री के लिए सिंगल पलंग व बिस्तर का प्रबन्ध संस्था द्वारा किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्र में सीमित व्यवस्थाओं के कारण द्वितीय व तृतीय मंजिल पर ठहराने की व्यवस्था होगी जिसमे आपका सहयोग अपेक्षित है।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
यह यात्रा पर्वतीय क्षेत्र की है। अतः यात्रा के दौरान परिस्थितियों की वजह से कार्यक्रम के समय व मार्ग में परिवर्तन आ सकता है। संस्था के कार्यकर्ता यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देगें फिर भी पर्वतीय क्षेत्र होने की वजह से असुविधा होना स्वभाविक है अतः उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें व मैनेजर को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
संक्रामक रोगी, अनुचित व्यवहार करने वाले व अस्वस्थ यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार मैनेजर के पास रहेगा व समस्त विवादों का न्यायक्षेत्र ऋषिकेश रहेगा ।
यात्रा के दौरान यात्रियों की देखभाल व घुमाने के वास्ते संस्था के कार्यकर्ता साथ रहेगें फिर भी आर्थिक, शारीरिक क्षति व प्राकृतिक आपदा के लिए यात्री स्वयं जिम्मेदार होगें ।
यमुनोत्री में एक तरफ से 7 किलोमीटर पैदल की यात्रा है एवं केदारनाथ में 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा है। यात्री अपने स्वयं के खर्च पर घोड़ा, पालकी एवं हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर सकते हैं।
यात्री अपनी बुकिंग सम सख्यां के अनुसार जैसे 2, 4, 6 के हिसाब से करवाने का प्रयास करें, ताकि 2X2 बसों में बैठने एवं कमरों में ठहरने में कोई असुविधा ना हो।
यदि कोई यात्री किसी भी कारणवश या अस्वस्थ होने की वजह से यात्रा अधूरी छोड़ेगा तो उसको यात्रा का जमा किराया वापस नहीं लौटाया जायेगा ।
बस में सबसे पीछे की (5 सीटर) सीट नॉन पुश बैक होती है| उसमें यात्री सहयोग बनाएं | सीट व्यवस्था लॉटरी सिस्टम से रहेगी|
यात्रा विवरण
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हमें कॉल करने में संकोच न करें। हमारे पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेगी। धन्यवाद।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का हिमाचल नौ देवी दर्शन यात्रा पैकेज एक दिव्य अनुभव था। हिमाचल प्रदेश के पवित्र मंदिरों की यात्रा करना और 9 देवी से आशीर्वाद प्राप्त करना वास्तव में अद्भुत था। अच्छी तरह से योजनाबद्ध यात्रा कार्यक्रम, आरामदायक आवास, और जानकार मार्गदर्शकों ने इस यात्रा को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बना दिया। एक ऐसा तीर्थ यात्रा जिसे हमेशा संजोया जाएगा।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का 9 देवी दर्शन यात्रा एक आत्मा को छूने वाला अनुभव था। हिमाचल प्रदेश की सुरमई घाटियों के माध्यम से यात्रा करते हुए, 9 देवी के पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्रा ने मेरे दिल को भक्ति से भर दिया। सुव्यवस्थित यात्रा, गर्मजोशी से स्वागत, और शांत वातावरण ने इसे वास्तव में एक दिव्य यात्रा बना दिया।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का हिमाचल नौ देवी दर्शन यात्रा पैकेज 9 देवी के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए एक दिव्य तीर्थ यात्रा थी। हिमालयों के बीच स्थित शांत मंदिरों से लेकर हिमाचल प्रदेश की सुंदरता तक, हर पल आध्यात्मिकता और शांति से भरा हुआ था। एक पवित्र यात्रा जिसने आत्मा को पुनर्जीवित किया।
हम एक संगठित तरीके से तीर्थयात्रा आयोजित करते हैं जिसमें तीर्थयात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, सत्संग कार्यक्रम और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।