प्रमोद कुमार शर्मा
दिल्ली
यह स्पेशल तीर्थ यात्रा 2025 में जल्दी ही हरिद्वार से प्रारम्भ होगी ।
हरिद्वार शुभ आगमन व गंगा स्नान, पावन धाम, वैष्णोदेवी, भारत माता मंदिर दर्शन (रात्रि विश्राम महाजन भवन, दूधाधारी चौक, माहेश्वरी सदन के पीछे गली में, हरिद्वार)।
हरिद्वार से प्रातः 6 बजे यमुनोत्री हेतु प्रस्थान (रात्रि विश्राम स्यानाचट्टी)
प्रातः जानकीचट्टी तक बस द्वारा व जानकीचट्टी से यमुनोत्री तक 7 किलोमीटर पैदल यात्रा, यमुनोत्री स्नान एवं दर्शन (ब्रेकफास्ट व लंच पैकिंग में)(रात्रि विश्राम स्यानाचट्टी)
दोपहर भोजन के पश्चात उत्तरकाशी के लिए रवाना (रात्रि विश्राम – उत्तरकाशी)
प्रातः उत्तरकाशी से बस द्वारा गंगोत्री रवाना, गंगा स्नान, काशी विश्वनाथ दर्शन व वापसी रात्रि विश्राम उत्तरकाशी(ब्रेकफास्ट व लंच रास्ते में)
चाय नाश्ता के पश्चात उत्तरकाशी से केदारनाथ हेतु रवाना (रात्रि विश्राम रामपुर)
प्रातः सीतापुर/सोनप्रयाग तक बस द्वारा, सोनप्रयाग से गौरीकुंड जीप द्वारा स्वयं, गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए परिस्थिती अनुकूल पैदल, घोड़ा व पालकी यात्रा स्वयं, रात्रि विश्राम कैंप(टेंट में)(लंच पैकिंग में, रात्रि भोजन केदारनाथ में)
प्रातः केदारनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन नाश्तोप्रांत वापसी (दोपहर भोजन सुविधानुसार)
चाय नाश्ता के पश्चात बद्रीनाथ रवाना (लंच सुविधानुसार, रात्रि विश्राम – बद्रीनाथ)
प्रातः गर्म कुंड स्नान व बद्रीनाथ भगवान के दर्शन, पिंडदान एवं दोपहर भोजन के पश्चात रवाना(रात्रि विश्राम पीपलकोटी)
प्रातः 6:00 बजे चाय- नाश्ता के पश्चात पीपलकोटी से हरिद्वार रवाना (ऋषिकेश दर्शन करते हुए रात्रि विश्राम हरिद्वार में)
दोपहर भोजन के बाद मधुर स्मृतियों के साथ यात्रा संपूर्ण।
चाय, नाश्ता, भोजन, गेस्ट हाउस, 2x2 बस के किराये सहित ₹23,501/- प्रति यात्री होगा। यात्रा बुकिंग हेतु अग्रिम धनराशि ₹1,000/- प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन 'श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा' ऋषिकेश के S.B.I बैंक खाते में या हमारी किसी भी अधिकृत बुकिंग एजेन्सी पर भिजवा दें। रूपया प्राप्त होते ही रसीद भेज दी जायेगी। बकाया किराया केवल नगद या ड्राफ्ट हरिद्वार पहुंचने पर (यात्रा प्रारम्भ से पूर्व) लिया जायेगा। हमारी यात्रा महाजन भवन, हरिद्वार से शुरु होकर वापसी में महाजन भवन हरिद्वार में ही सम्पन्न होगी ।
यात्रियों के लिए यात्राकाल में सुबह की चाय, नाश्ता, दोपहर व रात्रि भोजन में एक दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी का पूरा प्रबन्ध होगा। शाम को चाय दी जायेगी। दाल-चावल, रोटी में देशी घी का प्रयोग होगा। सब्जी व नाश्ते में रिफाइड तेल का प्रयोग होगा। चावल देहरादूनी बासमती बनाया जायेगा। समय की उपलब्धता के आधार पर यात्रियों को पापड़ व अचार भी भोजन के साथ दिया जायेगा। प्याज-लहसुन का प्रयोग पूर्णतः वर्जित होगा। भोजन शुद्ध शाकाहारी सात्विक बनाया जायेगा। यात्रा के दौरान तवा चपाती बनायी जायेगी व समय की उपलब्धता के अनुसार पूड़ी, पराठें व खिचड़ी भी बनायी जायेगी तथा पैदल यात्रा ( यमनोत्री - केदारनाथ) में नाश्ता व लंच पैकेट दिया जाएगा।
कृपया प्रत्येक यात्राी 1 गिलास, 1 चम्मच, गरम शाल, चादर (बैडशीट), गरम कपड़े, बरसाती, टार्च, मोमबत्ती, कपड़े सुखाने की रस्सी, पानी की बोतल, ताला-चाबी, नियमित दवाईयां (जो रोजाना आप लेते हैं) आदि सामान अवश्य अपने साथ लावें। भोजन हेतु बर्तनों की व्यवस्था संस्था करेगी। यात्राी अपने साथ पहचान पत्रा अवश्य लाये।
रात्रि विश्राम के लिए गेस्ट हाउस का प्रबन्ध समस्त यात्रियों के लिए सामूहिक रूप से चार/पांच बैड के अटैच लैट - बाथरूम कमरों में किया जाएगा व प्रत्येक यात्री के लिए सिंगल पलंग व बिस्तर का प्रबन्ध संस्था द्वारा किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्र में सीमित व्यवस्थाओं के कारण द्वितीय व तृतीय मंजिल पर ठहराने की व्यवस्था होगी जिसमे आपका सहयोग अपेक्षित है।
यात्री अपनी बुकिंग सम संख्या के अनुसार जैसे 2,4,6 के हिसाब से करवाने का प्रयास करें, ताकि 2*2 बसों में बैठने एवं कमरों में ठहरने में कोई असुविधा ना हो।
हमारी संस्था अन्य संस्थाओं की तरह यात्रियों को धर्मशाला में बड़ा हाॅल बुक कर जमीन पर बिस्तर नहीं लगाती है।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा ।
यह यात्रा पर्वतीय क्षेत्र की है। अतः यात्रा के दौरान परिस्थितियों की वजह से कार्यक्रम के समय व मार्ग में परिवर्तन आ सकता है। संस्था के कार्यकर्ता यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देगें फिर भी पर्वतीय क्षेत्र होने की वजह से असुविधा होना स्वभाविक है अतः उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें व मैनेजर को पूर्ण सहयोग प्रदान करें ।
संक्रामक रोगी, अनुचित व्यवहार करने वाले व अस्वस्थ यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार मैनेजर के पास रहेगा व समस्त विवादों का न्यायक्षेत्र ऋषिकेश रहेगा ।
यात्रा के दौरान यात्रियों की देखभाल व घुमाने के वास्ते संस्था के कार्यकर्ता साथ रहेगें फिर भी आर्थिक, शारीरिक क्षति व प्राकृतिक आपदा के लिए यात्री स्वयं जिम्मेदार होगें ।
यमुनोत्री में एक तरफ से 7 किलोमीटर पैदल की यात्रा है एवं केदारनाथ में 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा है। यात्री अपने स्वयं के खर्च पर घोड़ा, पालकी एवं हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर सकते हैं ।
यात्री अपनी बुकिंग सम सख्यां के अनुसार जैसे 2, 4, 6 के हिसाब से करवाने का प्रयास करें, ताकि 2X2 बसों में बैठने एवं कमरों में ठहरने मे कोई असुविधा ना हो ।
यदि कोई यात्री किसी भी कारणवश या अस्वस्थ होने की वजह से यात्रा अधूरी छोड़ेगा तो उसको यात्रा का जमा किराया वापस नहीं लौटाया जायेगा ।
बस में सबसे पीछे की (5 सीटर) सीट नॉन पुश बैक होती है। उसमें यात्री सहयोग बनाएं । सीट व्यवस्था लॉटरी सिस्टम से रहेगी ।
यात्रा विवरण
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हमें कॉल करने में संकोच न करें। हमारे पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेगी। धन्यवाद।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा के साथ उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर निकलना एक परिवर्तनकारी अनुभव था। 2023 के लिए यह टूर पैकेज अच्छे से व्यवस्थित था, जो पवित्र चार धामों की तीर्थ यात्रा को सुगम बनाने में सफल रहा। यमुनोत्री और गंगोत्री के भव्य मंदिरों से लेकर केदारनाथ और बद्रीनाथ की आध्यात्मिक आभा तक, यह जीवनभर की एक दिव्य यात्रा थी।
शिवशंकर तीर्थ यात्रा का चारधाम यात्रा टूर पैकेज 2023 एक अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा थी। उत्तराखंड के पवित्र स्थलों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा ने मुझे मोहित कर दिया। योजनाबद्ध यात्रा कार्यक्रम, आरामदायक आवास, और ज्ञानी गाइड्स ने इस चारधाम यात्रा को वास्तव में अविस्मरणीय बना दिया।
मुझे शिवशंकर तीर्थ यात्रा के साथ 2023 के चारधाम यात्रा टूर पैकेज पर निकलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ के पवित्र तीर्थस्थलों की यात्रा एक आत्मा को छूने वाला अनुभव था। विशेषज्ञ मार्गदर्शन और सुगम लॉजिस्टिक्स के साथ, शिवशंकर तीर्थ यात्रा ने इस तीर्थ यात्रा को एक संजोने योग्य याद बना दिया।
हम एक संगठित तरीके से तीर्थयात्रा आयोजित करते हैं जिसमें तीर्थयात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, सत्संग कार्यक्रम और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।