प्रमोद कुमार शर्मा
दिल्ली
यह स्पेशल तीर्थ यात्रा16 जनवरी 2025 को दिल्ली/जयपुर से शुभ प्रस्थान करेगी ।
दिल्ली रेलवे स्टेशन से श्री टियर क्लास ( 3A / C) द्वारा लखनऊ के लिए प्रस्थान ।
चक्रतीर्थ स्नान, 88 हजार ऋषियों की तपस्थली, व्यासगद्दी (रात्रि विश्राम अयोध्या में )।
सरयू स्नान, रामजन्म भूमि, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, सीता रसोई, मनीराम छावनी । (रात्रि विश्राम चित्रकूट में) ।
मंदाकिनी स्नान, गुप्त गोदावरी, अनुसूया मन्दिर, स्फटिक शिला इत्यादि । (प्रयागराज से बस द्वारा) (रात्रि चित्रकूट )
त्रिवेणी संगम स्नान, अक्षयवट पुराना किला, हनुमान मन्दिर । (रात्रि विश्राम मिर्ज़ापुर में)
मां विंध्यवासिनी (शक्तिपीठ) दर्शन, सीतामढ़ी दर्शन । (रात्रि विश्राम वाराणसी में ) ।
गंगास्नान, काशी विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग दर्शन, अन्नपूर्णा मन्दिर, तुलसी मानस मन्दिर दर्शन (आटो द्वारा वाराणसी से शाम 19.00 बजे (3A/C) द्वारा दिल्ली के लिए प्रस्थान) ।
प्रातः दिल्ली पर मधुर स्मृतियों के साथ यात्रा समापन।
भोजन, चाय, नाश्ता, A/C ट्रांसपोर्टेशन, A/C डबल बैड होटल रूम, A/C रेल रिजर्वेशन का किराया ₹21,000/- प्रति सवारी होगा। अग्रिम बुकिंग हेतु ₹1,000/- प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन 'श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा' ऋषिकेश के S. B. I बैंक खाते में जमा करवा दें। शेष धनराशि यात्रा प्रारंभ के समय गाड़ी में बैठने पर ले ली जायेगी। कृपया बस यात्रा के नियम पेज न0 13 को ध्यान पूर्वक पढ़ कर ही सीट बुक कराये ।
यात्रियों के लिए यात्राकाल में सुबह की बेड टी, नाश्ता, दोपहर व रात्रि भोजन में एक दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी का पूरा प्रबन्ध होगा। शाम को चाय दी जायेगी। दाल-चावल, रोटी में देशी घी का प्रयोग होगा। सब्जी व नाश्ते में रिफाइड तेल का प्रयोग होगा। चावल देहरादूनी बासमती बनाया जायेगा। समय की उपलब्धता के आधार पर यात्रियों को पापड़ व अचार भी भोजन के साथ दिया जायेगा। प्याज-लहसुन का प्रयोग पूर्णतः वर्जित होगा। भोजन शुद्ध शाकाहारी सात्विक बनाया जायेगा। यात्रा के दौरान तवा चपाती बनायी जायेगी व समय की उपलब्धता के अनुसार पूड़ी, पराठें व खिचड़ी भी बनायी जायेगी तथा पैदल यात्रा ( यमनोत्री - केदारनाथ) में नाश्ता व लंच पैकेट दिया जाएगा।
आवश्यक सामान- कृपया प्रत्येक यात्री 1 गिलास, 1 चम्मच, गरम शॉल, चादर (बैडशीट), गरम कपड़े, रेनकोट, टार्च, मोमबत्ती, कपड़े सुखाने की रस्सी, पानी की बोतल, ताला चाबी, नियमित दवाईयां (जो रोजाना आप लेते हैं) आदि सामान अवश्य अपने साथ लावें। भोजन हेतु डिस्पोजल / बर्तनों की व्यवस्था संस्था करेगी। यात्री अपने साथ ओरिजनल पहचान पत्र अवश्य लाये ।
यात्रियों के सामान की सुरक्षा हेतु चौकीदार की सुविधा, चाय, नाश्ता, भोजन बनाने वालों व घुमाने के लिए पर्याप्त व्यक्तियों का प्रबन्ध समिति द्वारा किया जायेगा। कोई भी यात्री सोने व चांदी के जेवर पहनकर न आये। यात्राकाल के दौरान आर्थिक एवं शारीरिक क्षति की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की होगी। व्यवस्थापक यात्रियों के नुकसान का जिम्मेदार नहीं होगा।
हमारी यात्रा में अकेले वृद्धजन व महिलाएं भी आराम से यात्रा कर सकती हैं। क्योंकि यात्रा का माहौल घर-परिवार जैसा ही रहता है जिस कारण अकेलापन महसूस नहीं होगा।
यात्रियों को चाहिए कि प्रत्येक यात्री अपनी बकाया धनराशि देने के वास्ते अपने साथ नकद रूपया अथवा किसी भी बैंक का ड्राफ्ट/ चैक ‘‘श्री शिवशंकर तीर्थ यात्रा (रजि0)’’ के नाम पर ऋषिकेश शाखा का बनवाकर साथ में लावें।
रात्रि विश्राम के लिए गेस्ट हाउस का प्रबन्ध समस्त यात्रियों के लिए सामूहिक रूप से चार/पांच बैड के अटैच लैट - बाथरूम कमरों में किया जाएगा व प्रत्येक यात्री के लिए सिंगल पलंग व बिस्तर का प्रबन्ध संस्था द्वारा किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्र में सीमित व्यवस्थाओं के कारण द्वितीय व तृतीय मंजिल पर ठहराने की व्यवस्था होगी जिसमे आपका सहयोग अपेक्षित है।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
यह यात्रा पर्वतीय क्षेत्र की है। अतः यात्रा के दौरान परिस्थितियों की वजह से कार्यक्रम के समय व मार्ग में परिवर्तन आ सकता है। संस्था के कार्यकर्ता यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देगें फिर भी पर्वतीय क्षेत्र होने की वजह से असुविधा होना स्वभाविक है अतः उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें व मैनेजर को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
संक्रामक रोगी, अनुचित व्यवहार करने वाले व अस्वस्थ यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार मैनेजर के पास रहेगा व समस्त विवादों का न्यायक्षेत्र ऋषिकेश रहेगा ।
यात्रा के दौरान यात्रियों की देखभाल व घुमाने के वास्ते संस्था के कार्यकर्ता साथ रहेगें फिर भी आर्थिक, शारीरिक क्षति व प्राकृतिक आपदा के लिए यात्री स्वयं जिम्मेदार होगें ।
यमुनोत्री में एक तरफ से 7 किलोमीटर पैदल की यात्रा है एवं केदारनाथ में 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा है। यात्री अपने स्वयं के खर्च पर घोड़ा, पालकी एवं हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर सकते हैं।
यात्री अपनी बुकिंग सम सख्यां के अनुसार जैसे 2, 4, 6 के हिसाब से करवाने का प्रयास करें, ताकि 2X2 बसों में बैठने एवं कमरों में ठहरने में कोई असुविधा ना हो।
यदि कोई यात्री किसी भी कारणवश या अस्वस्थ होने की वजह से यात्रा अधूरी छोड़ेगा तो उसको यात्रा का जमा किराया वापस नहीं लौटाया जायेगा ।
बस में सबसे पीछे की (5 सीटर) सीट नॉन पुश बैक होती है| उसमें यात्री सहयोग बनाएं | सीट व्यवस्था लॉटरी सिस्टम से रहेगी|
यात्रा विवरण
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हमें कॉल करने में संकोच न करें। हमारे पास विशेषज्ञों की एक टीम है जो आपके सभी प्रश्नों का समाधान करेगी। धन्यवाद।
कुंभ में प्रयागराज, अयोध्या, नैमिषारण्य, वाराणसी, चित्रकूट यात्रा एक अद्वितीय अनुभव थी। इन पवित्र स्थलों की यात्रा ने आत्मिक शांति और धार्मिक अनुभव प्रदान किया। प्रत्येक स्थल की अपनी विशेषता और ऐतिहासिकता है, जो यात्रा को और भी रोचक बनाती है। कुंभ मेले का माहौल, श्रद्धालुओं की भक्ति और धार्मिक अनुष्ठान ने यात्रा को विशेष बना दिया।
कुंभ में विन्ध्यवासिनी देवी दर्शन, सीतामढ़ी, चित्रकूट और नैमिषारण्य यात्रा करना एक दिव्य अनुभव था। चित्रकूट का ऐतिहासिक महत्व, नैमिषारण्य की शांति, और आध्यात्मिक कंपन ने मेरे भीतर गहरी शांति का अनुभव कराया। यह एक आत्मा को छू लेने वाली तीर्थयात्रा थी जिसने मेरे दिल को छू लिया।
मुझे शिवशंकर तीर्थ यात्रा द्वारा आयोजित विन्ध्यवासिनी देवी दर्शन, सीतामढ़ी, चित्रकूट और नैमिषारण्य यात्रा का अनुभव करने का सौभाग्य मिला। विन्ध्यवासिनी देवी मंदिर की दिव्य आशीर्वाद, सीतामढ़ी की पवित्रता, चित्रकूट की मनमोहक सुंदरता, और नैमिषारण्य की आध्यात्मिक शांति वास्तव में मंत्रमुग्ध करने वाली थी। यह एक भक्ति से भरी यात्रा थी।
हम एक संगठित तरीके से तीर्थयात्रा आयोजित करते हैं जिसमें तीर्थयात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन, सत्संग कार्यक्रम और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।