प्रमोद कुमार शर्मा
दिल्ली
यह स्पेशल तीर्थ यात्रा 15 दिसम्बर 2024, को दिल्ली से स्लीपर क्लास रेल द्वारा प्रारम्भ होगी।
हO निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से दोपहर 12 बजे शुभ प्रस्थान ।
तिरुपति बाला जी (तिरुमला मन्दिर पहाड़ी पर स्थित है ।) |रेणिगुन्टा से बस द्वारा। (दर्शन के लिए आधार कार्ड साथ लायें।)
शिवाकांची, विष्णुकांची दर्शन (सप्तपुरी) ।
समुद्र स्नान, रामकुण्ड, सीताकुण्ड, राम झरोखा मन्दिर दर्शन, 22 कुण्ड स्नान, रामेश्वरम् ज्योर्तिलिंग दर्शन । | ( मदुरई से बस द्वारा प्रस्थान ।)
मीनाक्षी देवी मन्दिर, सुन्दरेश्वर महादेव दर्शन ।
कोवलम बीच, म्यूजियम, तिरुवनन्तपुरम चिड़ियाघर, पद्मनाभम् मन्दिर (विश्व प्रसिद्ध एतिहासिक एवं धनाढ्य मन्दिर)
कन्याकुमारी मन्दिर, सूर्य उदय या सूर्य अस्त दर्शन, हिन्द- बंगाल - अरब तीनों समुद्रों संगम स्नान (नागरकोइल से बस द्वारा)
सुप्रसिद्ध सूर्य मन्दिर के दर्शन (पुरी से बस द्वारा प्रस्थान ) ।
महालिंगराज मन्दिर दर्शन (पुरी से बस द्वारा प्रस्थान ) ।
जगन्नाथ मन्दिर, सिंहद्वार, अश्वद्वार, सागर स्नान। (मन्दिर की दूरी स्टेशन से केवल एक मील ।)
मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग दर्शन । (बसद्वारा विजयवाड़ा से प्रस्थान)
पुरानी दिल्ली स्टेशन पर मधुरस्मृतियों के साथ यात्रा का समापन ।
भोजन, चाय, नाश्ता, बस सहित थ्री टियर स्लीपर क्लास (नॉन-AC) का किराया ₹26,000/- प्रति सवारी होगा। अग्रिम बुकिंग हेतु ₹1,001/- प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन 'श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा' ऋषिकेश के S.B.I बैंक खाते में या हमारी किसी भी अधिकृत बुकिंग एजेन्सी पर जमा करवा दें। शेष धनराशि गाड़ी में बैठने के बाद ले ली जायेगी ।
यात्रियों के लिए यात्राकाल में सुबह की बेड टी, नाश्ता, दोपहर व रात्रि भोजन में एक दाल, एक सब्जी, चावल, रोटी का पूरा प्रबन्ध होगा। शाम को चाय दी जायेगी। दाल-चावल, रोटी में देशी घी का प्रयोग होगा। सब्जी व नाश्ते में रिफाइड तेल का प्रयोग होगा। चावल देहरादूनी बासमती बनाया जायेगा। समय की उपलब्धता के आधार पर यात्रियों को पापड़ व अचार भी भोजन के साथ दिया जायेगा। प्याज-लहसुन का प्रयोग पूर्णतः वर्जित होगा। भोजन शुद्ध शाकाहारी सात्विक बनाया जायेगा। यात्रा के दौरान तवा चपाती बनायी जायेगी व समय की उपलब्धता के अनुसार पूड़ी, पराठें व खिचड़ी भी बनायी जायेगी तथा पैदल यात्रा ( यमनोत्री - केदारनाथ) में नाश्ता व लंच पैकेट दिया जाएगा।
आवश्यक सामान- कृपया प्रत्येक यात्री 1 गिलास, 1 चम्मच, गरम शॉल, चादर (बैडशीट), गरम कपड़े, रेनकोट, टार्च, मोमबत्ती, कपड़े सुखाने की रस्सी, पानी की बोतल, ताला चाबी, नियमित दवाईयां (जो रोजाना आप लेते हैं) आदि सामान अवश्य अपने साथ लावें। भोजन हेतु डिस्पोजल / बर्तनों की व्यवस्था संस्था करेगी। यात्री अपने साथ ओरिजनल पहचान पत्र अवश्य लाये ।
यात्रियों के सामान की सुरक्षा हेतु चौकीदार की सुविधा, चाय, नाश्ता, भोजन बनाने वालों व घुमाने के लिए पर्याप्त व्यक्तियों का प्रबन्ध समिति द्वारा किया जायेगा। कोई भी यात्री सोने व चांदी के जेवर पहनकर न आये। यात्राकाल के दौरान आर्थिक एवं शारीरिक क्षति की जिम्मेदारी यात्री की स्वयं की होगी। व्यवस्थापक यात्रियों के नुकसान का जिम्मेदार नहीं होगा।
हमारी यात्रा में अकेले वृद्धजन व महिलाएं भी आराम से यात्रा कर सकती हैं। क्योंकि यात्रा का माहौल घर-परिवार जैसा ही रहता है जिस कारण अकेलापन महसूस नहीं होगा।
यात्रियों को चाहिए कि प्रत्येक यात्री अपनी बकाया धनराशि देने के वास्ते अपने साथ नकद रूपया अथवा किसी भी बैंक का ड्राफ्ट/ चैक ‘‘श्री शिवशंकर तीर्थ यात्रा (रजि0)’’ के नाम पर ऋषिकेश शाखा का बनवाकर साथ में लावें।
रात्रि विश्राम के लिए गेस्ट हाउस का प्रबन्ध समस्त यात्रियों के लिए सामूहिक रूप से चार/पांच बैड के अटैच लैट - बाथरूम कमरों में किया जाएगा व प्रत्येक यात्री के लिए सिंगल पलंग व बिस्तर का प्रबन्ध संस्था द्वारा किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्र में सीमित व्यवस्थाओं के कारण द्वितीय व तृतीय मंजिल पर ठहराने की व्यवस्था होगी जिसमे आपका सहयोग अपेक्षित है।
यात्रियों को निम्नलिखित नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
यह यात्रा पर्वतीय क्षेत्र की है। अतः यात्रा के दौरान परिस्थितियों की वजह से कार्यक्रम के समय व मार्ग में परिवर्तन आ सकता है। संस्था के कार्यकर्ता यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देगें फिर भी पर्वतीय क्षेत्र होने की वजह से असुविधा होना स्वभाविक है अतः उस समय तपस्या की भावना से उसे सहन करें व मैनेजर को पूर्ण सहयोग प्रदान करें।
संक्रामक रोगी, अनुचित व्यवहार करने वाले व अस्वस्थ यात्री को यात्रा से पृथक करने का पूर्ण अधिकार मैनेजर के पास रहेगा व समस्त विवादों का न्यायक्षेत्र ऋषिकेश रहेगा ।
यात्रा के दौरान यात्रियों की देखभाल व घुमाने के वास्ते संस्था के कार्यकर्ता साथ रहेगें फिर भी आर्थिक, शारीरिक क्षति व प्राकृतिक आपदा के लिए यात्री स्वयं जिम्मेदार होगें ।
यमुनोत्री में एक तरफ से 7 किलोमीटर पैदल की यात्रा है एवं केदारनाथ में 17 किलोमीटर की पैदल यात्रा है। यात्री अपने स्वयं के खर्च पर घोड़ा, पालकी एवं हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कर सकते हैं।
यात्री अपनी बुकिंग सम सख्यां के अनुसार जैसे 2, 4, 6 के हिसाब से करवाने का प्रयास करें, ताकि 2X2 बसों में बैठने एवं कमरों में ठहरने में कोई असुविधा ना हो।
यदि कोई यात्री किसी भी कारणवश या अस्वस्थ होने की वजह से यात्रा अधूरी छोड़ेगा तो उसको यात्रा का जमा किराया वापस नहीं लौटाया जायेगा ।
बस में सबसे पीछे की (5 सीटर) सीट नॉन पुश बैक होती है| उसमें यात्री सहयोग बनाएं | सीट व्यवस्था लॉटरी सिस्टम से रहेगी|
यात्रा विवरण
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